तेरा जनम मरण मिट जाए, तू हरी का नाम सुमिर प्यारे
तेरा जनम मरण मिट जाए, तू हरी का नाम सुमिर प्यारे
तेरा जनम मरण मिट जाए,
तू हरी का नाम सुमिर प्यारे ।
बालापन में मन खेलन में, सुख दुःख नहीं था रे,
जोबन रसिया कामन बसिया तन मन धन हारे ।
तू हरी का नाम सुमिर प्यारे…
बूढा हो कर घर में सो कर, सुने वचन खारे,
दुर्बल काया रोग सताया, तृष्णा तन जारे ।
तू हरी का नाम सुमिर प्यारे…
प्रभु नहीं सुमिरा बीता उमरा, काल आए मारे
‘ब्रह्मानंद’ बिना जगदीश्वर कौन विपत टारे