चुनड़ी बनाई मईया पाई पाई जोड़ के,
राख लीजै मान म्हारी चुनड़ी नै ओढ़ के,
चुनड़ी बनाई मईया पाई पाई जोड़ के
धन धन भाग थाने चुनड़ी उढ़ावा माँ,
सोणी-सोणी चुनड़ी नै हाथां से सजावा माँ,
जचे ना सिंगार थारो चुनड़ी नै छोड़ के,
चुनड़ी बनाई मईया पाई पाई जोड़ के
चुनड़ी बनाई म्हारी जितनी समाई माँ,
ओढ़े तो म्हे जान जास्याँ,दाय थाने आई माँ,
काई तो मिलैगो मईया दिल म्हारो तोड़ के,
चुनड़ी बनाई मईया पाई पाई जोड़ के
ओढ़ के राखिजै मईया यो ही म्हारो भाव है,
चुनड़ी उढ़ाता रवां,दिल में यो चाव है,
राख मना दीजै म्हारी चुनड़ी नै मोड़ के,
चुनड़ी बनाई मईया पाई पाई जोड़ के
बनवारी चुनड़ी में नाही गोटा-तारा है,
बड़ी अनमोल,फीका चाँद सितारा है,
निकलेगा प्यार मईया,देखले निचोड़ के,