मेरी सुरति सुहागन जाग री, जाग री हो जाग री

मेरी सुरति सुहागन जाग री, जाग री हो जाग री

मेरी सुरति सुहागन जाग री,
जाग री…हो जाग री….
जाग री…हो जाग री….
मेरी सुरति सुहागन जाग री,

क्या तू सोवे मोहिनी नींद में,
उठ के भजन विच लाग री,
जाग री…हां जाग री…
मेरी सुरति सुहागन जाग री 

अनहद शब्द सुनो चित देके,
उठत मधुर धुन राग री,
जाग री…हां जाग री…
मेरी सुरति सुहागन जाग री 

चरण शीश धार विनती करियो,
पाएगी अटल सुहाग री,
जाग री…हां जाग री…
मेरी सुरति सुहागन जाग री,

कहत कबीरा सुनो भाई साधो,
जगत-प्रीत दे भाग री,
जाग री…हां जाग री…
मेरी सुरति सुहागन जाग री,

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